The best Side of Shodashi
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Group feasts play a big position in these events, the place devotees appear collectively to share meals That usually involve classic dishes. This kind of meals rejoice both the spiritual and cultural elements of the Pageant, boosting communal harmony.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
देयान्मे शुभवस्त्रा करचलवलया वल्लकीं वादयन्ती ॥१॥
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।
He was so potent that he built the complete environment his slave. Sage Narada then requested the Devas to conduct a yajna and through the fireplace of your yajna appeared Goddess Shodashi.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या Shodashi प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां
ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥
From curiosity why her father didn't invite her, Sati went into the ceremony While God Shiva experimented with warning her.
Shodashi also usually means sixteen as well as perception is usually that on the age of sixteen the Bodily system of a human being attains perfection. Deterioration sets in right after sixteen decades.